देशभर में भगवान कृष्णा उत्सव की धूम

देशभर में भगवान कृष्णा उत्सव की धूम

भगवान श्री कृष्णा को हम परिभाषित नहीं कर सकते। इनके अनेक रूप हैं। कभी कन्हैया, कान्हा, नन्द, नन्लाला, देवकीनंदन और भी कई रूप है। राधा तो इनको मोहन प्यारे कहा करती थी। आज हम इनको सावरिया, श्याम के नमो से पुकारते है।  आज राधे कृष्णा नाम से पूरा संसार दीवाने है। श्री कृष्ण की पूरी जीवन काल ही लीला है।  हम इनको अवतार मानते है। लेकिन गीता में इनको अवतारी बताया गया है।

पूरा कृष्णा जीवन काल ही प्रेरना से परिपूर्ण है।  हमें इनके जीवन काल  से बहुत कुछ सिखने को मिलता है।  जिस प्रकार भगवन कृष्ण ने पुरे जीवन काल दुष्टो का संहार किया। उन्होंने कर्म को मह्ता दिया हैं। मैं उनके गुणों को अपने शब्दों के माध्यम से परिभाषित कर रहा हु।  लेकिन भगवान  गिरधर की लीला अपरम्पार है। मैं  जितना भी ब्याख्या करू मेरे शब्द कम पड़ रहे  है।

भगवान श्री कृष्ण सबके प्यारे थे और है और रहेंगे। जिसने इनको कान्हा पुकारा। ये उनके हो जाते है। जो कोई इनको प्रेम से पुकारे ये उनके सुनते जरुर है।  समय समय पे इन्होने अलग अलग रूपों में जन्म लेकर दुस्टो का संहार किया है। आज के दिन हमें भगवान वासुदेव के जीवन काल की तरह हम भी उनके पंथ का अनुसरण करने की सपथ ले।




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